पेट में संक्रमण के कारण और इसे राकने के उपाय
पेट का संक्रमण टर्म का प्रयोग सामूहिक तौर से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए किया जाता है.
- हर तरह से बचाव
- एलर्जी से बचाव करके
- अच्छे से हाथ धोकर
- बच्चों को स्वस्थ रखकर
- भोजन तैयार करने की जगह को साफ रखकर
उपयुक्त सुझाव
पेट का संक्रमण एक सामूहिक टर्म है जिसका इस्तेमाल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए किया जाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग पानी को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करता है साथ ही उस गति को भी बढ़ाता है जिससे खाई गई चीजें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग में प्रवेश करती हैं. इसका नतीजा यह होता है कि यह पोषक तत्वों या भोजन को ठीक से पचने नहीं देता जिससे आपकी आंतों व मलाशय में द्रव पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगती है। संक्रमित कण आंत की दीवारों से होकर गुजरते हैं और उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं.
पेट के संक्रमण के लक्षण और संकेत क्या हैं?
पेट के संक्रमण के लक्षण कम या ज्यादा अलग-अलग हो सकते हैं। पेट के संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण हैं-
- लगातार दस्त (खूनी)
- उबकाई (जी मिचलाना) और उल्टी
- पेट में ऐंठन
- हल्का या तेज बुखार
- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
- ठंड लगना
- वजन घटना
ये लक्षण वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस और इसके कारण मल में खून भी आ सकता है। उपरोक्त लक्षणों में से यदि आपको कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा शिशुओं में दिखाई देने वाले किसी भी तरह के लक्षण के प्रति सतर्क रहें। यदि आपको शक है कि आपके बच्चे को पेट में संक्रमण हो रहा है तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं.
पेट में संक्रमण के क्या कारण हो सकते हैं?
पेट में संक्रमण कई कारणों से हो सकता है। यह वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी या फंगस
के कारण हो सकता है। कुछ दवाइयां या शारीरिक बीमारियां भी पेट के संक्रमण का कारण बन सकती हैं।
पेट के विभिन्न संक्रमणों (जठरांत्रशोथ) से जुड़े यह हैं कुछ सामान्य कारण :-
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस - यह गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे आम प्रकार है जो कि लोगों में
नोरोवायरस, रोटावायरस और एडेनोवायरस के कारण होता है। दुनिया भर के वयस्कों और बच्चों में अधिकांश मामले नोरोवायरस के सामने आए हैं.
बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस - साल्मोनेला और ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया भी गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकते हैं। बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस का एक कारण मल में खून का आना है.
परजीवी कारण- जिआर्डिया और एंटामोइबा जैसे परजीवी भी पेट में संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के अन्य कारणों में खाने की चीजों से होने वाली एलर्जी, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स या कुछ एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग शामिल है।
पेट के संक्रमण से आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
पेट के संक्रमण से खुद को बचाने का कोई उपाय नहीं है लेकिन इसके होने की संभावना को इस तरह से कम किया जा सकता है.
- अपने हाथ बार-बार धोएं। किसी भी कीटाणु को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका हाथ धोना है. कीटाणु हमारे हाथों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. हाथ धोते समय एंटीसेप्टिक साबुन या लिक्विड हैंड वॉश जैसे डेटॉल लिक्विड हैंड वॉश का इस्तेमाल करें। सुनिश्चित करें कि आप अपने हाथों को सही तरीके से कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। वैकल्पिक तौर से हैंड सैनिटाइज़र साथ रखें. यह विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब आप यात्रा कर रहे होते हैं या आपके पास साबुन और पानी नहीं होता है। डेटॉल हैंड सैनिटाइज़र में 60% अल्कोहल है और यह आपके हाथों पर किसी भी रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं को मारने में मदद कर सकता है।
- आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप जितना हो सके संक्रमित लोगों से अपनी दूरी बनाएं रखें। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाली किसी भी वस्तु को धो लें। इसमें कपड़े, प्लेटें, चश्मा और खिलौने आदि शामिल हो सकते हैं। आप डेटॉल जैसे एंटीसेप्टिक लिक्विड से वस्तुओं और अधिक इस्तेमाल में की जाने वाली जगहों को भी साफ कर सकते हैं।
- कच्चे, अधपके और दूषित खाद्य पदार्थ जैसे बैक्टीरिया को पैदा कर सकते हैं जो आपके शरीर में प्रवेश करके पेट में संक्रमण पैदा करते हैं। सुनिश्चित करें कि आप खाने से पहले कच्चे भोजन, विशेष रूप से मांस को ठीक से धोकर पका लें। यदि आप नहीं जानते कि उन्हें कैसे साफ किया जाता है तो कच्चे खाद्य पदार्थों से दूर रहें। अगर आपको लगता है कि नल का पानी पानी दूषित व असुरक्षित है तो उसे न पिएं।
- ऐसे डेयरी उत्पादों का सेवन न करें जिन्हें गंदी जगह पर रखा गया हो।
- बाजार से जो भी उत्पाद खरीदें उसे खाने से पहले अच्छी तरह धोकर उबाल लें।
- सड़क के किनारे स्टालों पर खुला रखा खाना खाने से बचें। सुनिश्चित करें कि आप यात्रा करते समय बोतलबंद पानी पिएं।
आसान लगने वाले यह सुझाव पेट में संक्रमण की संभावना को काफी हद तक कम करने में मदद करते हैं।